अनुच्छेद लेखन क्या है? परिभाषा, उदहारण

किसी भी विषय पर सीमित शब्दों में अपने अधिक से अधिक विचार प्रकट करना अनुच्छेद लेखन कहलाता है। अनुच्छेद निबंध का संक्षिप्त रूप होता है। इसके अंतर्गत लगभग 70-90 शब्दों में पूरी बात कहनी होती है।

अनुच्छेद लिखते समय ध्यान देने योग्य बातें-

(क) दिए गए विषय को अच्छी तरह सोच-समझकर मुख्य बिंदुओं को लिख लेना चाहिए। फिर उनों अनुच्छेद के रूप में लिखना चाहिए।

(ख) अनुच्छेद की भाषा सरल और व्यावहारिक होनी चाहिए।

(ग) अनुच्छेद की शब्द सीमा 100-125 शब्दों के बीच होनी चाहिए।

(घ) वाक्य छोटे-छोटे और एक-दूसरे से संबंधित होने चाहिए।

(ङ) विषय का आरंभ स्पष्ट रूप से करना चाहिए।

(च) अनुच्छेद के अंत में निष्कर्ष शिक्षाप्रद होना चाहिए तथा भली-भाँति समझ में आना चाहिए।

अनुच्छेद लेखन के उदाहरण (anuched lekhan examples)

1. सच्चा मित्र (अनुच्छेद लेखन)

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। उसे अपने सुख-दुख की बातें करने के लिए मित्र की आवश्यकता होती है। सच्चा मित्र वही है जो मित्र के हर सुख-दुख में साथ देता है। मित्र हमारे लिए मार्गदर्शक, सहायक और प्रेरक का काम करता है। जब हम दुखी और परेशान होते हैं तब वह हमें परेशानी से बाहर निकलने का रास्ता बताता है. हमारी हिम्मत बढ़ाता है। जब व्यक्ति गलत राह चुन लेता है तो सच्चा मित्र उसका मार्गदर्शन करके उसे सही राह पर लाता है। सच्चा मित्र कभी भी अपने मित्र के अवगुणों को नजरअंदाज नहीं करता बल्कि उसके अवगुणों को उसे बताकर उससे उन्हें दूर रहने की सलाह देता है। आज के समय में सच्चा मित्र मिलना बहुत मुश्किल है। विश्वासपात्र मित्र पाना एक अनमोल हीरे की तरह है जो किस्मत से किसी-किसी को ही मिलता है।

2. भारत की राजधानी दिल्ली

दिल्ली को भारत का दिल कहा जाता है। यहाँ हर प्रदेश, हर गाँव, हर जाति, हर धर्म, हर संप्रदाय के

लोग रहते हैं। इस कारण अकेली दिल्ली में ही पूरा भारत नजर आता है। यदि दिल्ली भ्रमण किया जाए तो

अनेक ऐतिहासिक और दर्शनीय स्थल हैं। प्रमुख स्थल कुतुबमीनार, लाल किला, जामा मस्जिद, जंतर-मंतर,
राष्ट्रपति भवन आदि हैं। बिरला मंदिर, बहाई मंदिर, अक्षर-धाम मंदिर, योगमाला मंदिर आदि प्रमुख धार्मिक स्थल हैं। अपनी शैक्षणिक गतिविधियों के लिए दिल्ली पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। यहाँ के दिल्ली विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय और जामिया मिलिया विश्वविद्यालय विश्व गुरुद्वारा सीसगंज के श्रेष्ठ शिक्षण संस्थान हैं। क्रिकेट का विश्व कप हो, विश्वविद्यालय प्रदर्शनियों हों या वैज्ञानिक करिश्मे हाँ सब दिल्ली को अपना वैभव दिखाकर प्रसन्नता का अनुभव कराते हैं। बड़े-बड़े बाग, स्टेडियम, बाजार, पाँच सितारा होटल, फ्लाई ओवर मेट्रो रेल तथा विदेशी दूतावास दिल्ली की शोभा में चार चाँद लगा रहे हैं। सचमुच संसार के सबसे बड़े लोकतंत्र की राजधानी दिल्ली वास्तव में अनूठी ही है।

3. एक और एक ग्यारह (अनुच्छेद लेखन)

गणित में अगर एक में एक जोड़ दिया जाए तो हमेशा दो उत्तर निकलेगा। लेकिन एक जगत प्रसिद्ध लोकोक्ति है कि एक और एक ग्यारह होते हैं अर्थात् एकता में बल होता है। अकेले व्यक्ति में उतनी शक्ति नहीं होती जितना कि संगठित रहने में होती है। यदि कोई अकेला रहता है तो उसे कोई भी हानि पहुँचा सकता है इसके विपरीत यदि वह मिल-जुलकर रहता है तो कोई भी उसका बाल बाँका नहीं कर सकता। जो समाज एकता के सूत्र में बँधकर नहीं रहता उस समाज का अवश्य ही पतन होता है। एकता के सूत्र में बँधकर ही हम भारतवासियों ने अंग्रेजों को देश से बाहर निकाला था। आज भी हमें एक और एक ग्यारह बनकर रहना है और देश में व्याप्त अलगाव और भ्रष्टाचार की भावना को जड़ से खत्म करना है।

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