भारत त्योहारों का देश है। यहाँ पर समय-समय पर कई त्योहार मनाए जाते हैं। दीपावली भी उनमें से एक है। दीपावली का शब्दिक अर्थ है- दीपों की अवली अथवा पंक्ति। इस दिन सभी लोग अपने घरों को दीपकों से सजाते हैं। पूरा वातावरण दीपों की जगमगाती लड़ियों से प्रकाशित हो उठता है। दिवाली पर निबंध
इस त्योहार को मनाने के पीछे कई कथाएँ प्रचलित हैं। कहा जाता है कि इस दिन श्री रामचंद्रजी रावण को मारकर लंका पर विजय प्राप्त करके अयोध्या लौटे थे। उनके आगमन की खुशी में अयोध्यावासियों ने घी के दीपक जलाकर उनका स्वागत किया था। तभी से यह त्योहार मनाया जा रहा है। एक अन्य कथा के अनुसार इस दिन श्रीकृष्ण ने पूतना नामक राक्षसी का वध किया था। यह भी माना जाता है कि इस दिन समुद्र मंथन से धन की देवी लक्ष्मी का अवतार हुआ था।
मनाने का कारण
दीपावली का त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। इस दिन सभी लोग अपने घरों को दीपकों और मोमबत्तियों से प्रकाशित करते हैं। आजकल तो बिजली की लड़ियों से घर सजाए जाते हैं। रात को लक्ष्मी तथा गणेश का पूजन किया जाता है। लोग प्रसन्न होते हैं और अपने मित्रों व सगे-संबंधियों की मिठाइयाँ तथा उपहार का आदान प्रदान करते हैं। बच्चे आतिशबाजी करते हैं। सभी लोग इस त्योहार को हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। दिवाली पर निबंध
मनाने का ढंग
दीपावली के साथ कई और त्योहार भी जुड़े हैं। जैसे-धनतेरस, नरक चौदस, गोवर्धन, भैया दूज आदि। धनतेरस के दिन लोग नए बरतन खरीदते हैं। नरक चतुर्दशी को छोटी दीवाली भी कहा जाता है। इस दिन भी लोग दीए तथा मोमबत्तियाँ जलाते हैं। दीवाली के अगले दिन गोवर्धन मनाया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपने हाथों में उठा लिया था। भैया दूज के दिन बहनें अपने भाइयों को टीका करती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं।
अन्य त्योहार बुराइयाँ
दीपावली एक पवित्र त्योहार है लेकिन इसके साथ भी कुछ बुराइयाँ जुड़ गई हैं। दीपावली के दिन जुआ खेलने, शराब पीने और अशिष्ट आचरण करने वाले लोगों की आज भी कमी नहीं है। आतिशबाजी में अत्यधिक धन खर्च करना भी उचित नहीं है। इससे वातावरण प्रदूषित होता है तथा धन की बरबादी होती है।
उपसंहार
दीपावली के शुभ त्योहार पर यदि इन दोषों को दूर कर दिया जाए तो यह हमारे लिए निश्चित ही वरदान है। हमें प्रेम, सद्भावना और आपसी सद्भाव से इस त्योहार को मनाना चाहिए। समाज से अज्ञानता को हटाकर ज्ञान का दीप जलाकर सच्ची दीपावली मनानी चाहिए. दिवाली पर निबंध