प्रदूषण पर निबंध हिंदी में 500 शब्दों

दोस्तों आज के इस युग में पर्यावरण का संतुलन इतना बिगड़ गया है की इसे संभालना मुश्किल हो गया है इसीलिए आज इस “प्रदूषण पर निबंध हिंदी में 500 शब्दों” के माध्यम से अपनी बात रखने जा रहा हु।

अर्थ

प्रदूषण का अर्थ है – वातावरण या वायुमंडल का खराब होना और उसका संतुलन डगमगा जाना। जब वातावरण में हानिकारक पदार्थों का प्रवेश हो जाता है तो वातावरण प्रदूषित हो जाता है। इसे ही प्रदूषण कहा जाता है।

प्रकार

प्रदूषण मुख्यतः चार प्रकार का होता है वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण और भूमि प्रदूषण हर तरह का प्रदूषण मानव जीवन में तनाव तथा मानसिक व शारीरिक रोगों को बढ़ाता है।

कारण

वायु मनुष्य के लिए अति आवश्यक पदार्थ है। आज वायु प्रदूषण के कारण मानव का जीना दूभर हो गया है। वायु प्रदूषण से वायु में ऑक्सीजन की मात्रा घटती है और कार्बन-डाइऑक्साइड तथा कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी गैसों की मात्रा बढ़ने लगती है। वायु प्रदूषण के कारण रक्तचाप, हृदय रोग, श्वास रोग बढ़ रहे हैं।

जब दिल्ली एनसीआर के आसपास के इलाको में किसान पराली जलते है तो प्रदुषण का स्तर कई गुना बढ़ जाता है।

वायु की तरह जल भी मनुष्य जीवन के लिए आवश्यक है। जल प्रदूषण का मुख्य कारण कल-कारखाने द्वारा उत्सर्जित गंदा जल तथा सीवरेज द्वारा मलनुमा जल नदियों में बहाना है। जल प्रदूषण के कारण हैजा, डायरिया, टाइफाइड जैसे रोग फैलते हैं।

ध्वनि प्रदूषण का मुख्य कारण वाहनों की बढ़ती भीड़, लाउडस्पीकरों का शोर, रेलगाड़ी, वायुयानों आदि का शोर है। ध्वनि प्रदूषण के कारण उच्च रक्तचाप, अनिद्रा, सिरदर्द जैसे रोग हो जाते हैं।

बुरे प्रभाव

भूमि में व्याप्त गंदगी के कारण भूमि प्रदूषण फैल रहा है। आज कीटनाशकों का प्रयोग, रासायनिक खादों का अंधाधुंध प्रयोग, परमाणु विस्फोट के कारण भूमि खराब होती जा रही है।

वायु प्रदूषण से होने वाली मृत्यु की संख्या दिन ब दिन बढ़ते ही जा रही है। सन २०१७ में मृत्यु का आंकड़ा १.०८ लाख प्रति वर्ष हो गया था। मुंबई, दिल्ली, पुणे, बैंगलोर जैसे शहरों में ऊंची ऊंची इमारतें और बढ़ते वाहनों की संख्या प्रदूषण और बढ़ा रहे है।

शहरों के नजदीक स्थित धुआं उगलने वाली कंपनियां हररोज कई टन प्रदूषण नदियों और हवा में घोलने का काम करते है। इससे ये हो रहा है की लोग हानिकारक धुएं और ozone परत के फटने के कारण मर रहे है।

अगर हम अच्छी हवा में सास लेते है तो हमारी आयु लगभग १.५ साल बढ़ जाती है। मगर इस प्रदूषण भरी दुनिया में आयु केवल कम हो सकती है, पर बढ़ नही सकती.

हमारा कर्तव्य

यद्यपि प्रदूषण की समस्या विश्वव्यापी है। फिर भी वृक्षारोपण इसे रोकने का सर्वोत्तम उपाय है। वृक्ष हमें शुद्ध वायु प्रदान करते हैं। वाहनों में सी.एन.जी. के प्रयोग से भी वायु प्रदूषण कम किया जा सकता है। रासायनिक खादों का कम प्रयोग, प्रदूषित जल को साफ़ करने के सयंत्रों की स्थापना, ध्वनि नियंत्रक यंत्रों का प्रयोग करके भी प्रदूषण को कम किया जा सकता है। आज सबसे बड़ी जरूरत है जन जागृति की जिसे स्वयंसेवी संस्थाओं, संचार माध्यमों के द्वारा किया जा सकता है. प्रदूषण पर निबंध हिंदी में 500 शब्दों

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