वायु प्रदुषण पर निबंध || Air Pollution Essay in Hindi

दोस्तों इस ब्रम्हांड में जहा तक इंसान जानता है, केवल धरती पर जीवन संभव है। क्योकि धरती का वातावरण कुछ इस तरह का है की उसमे हर जिव जंतु आसानी से पनप सकता है। पृथ्वी का वायु मंडल पूरी तरह अलग-अलग वायु के मिश्रण से बना हुआ है। अगर वायुमंडल न हो तो पृथ्वी पर जीवन नष्ट हो जाएगा. वायुमंडल हमें सूरज से आने वाली ultraviolet rays से बचाता है। वायु प्रदुषण पर निबंध

पृथ्वी का वातावरण मुख्यतः दो गैसों से बना हुआ है, जो है Nitrogen और Oxygen. Nitrogen 78% और Oxygen २१% मौजूद है, अन्य 1 प्रतिशत में बाकि गैस मौजूद है। जब किसी कारन हवा में मौजूद इन गैसों की मात्रा बदलने लगती है और अन्य जहरीली गैसे बढ़ने लगती है तब हम इसे वायु प्रदुषण कहते है। आसान भाषा में कहे तो अच्छी हवा में जब सुक्ष्म कण, जहरीली गैस,जैविक(Biological ) पदार्थ की मात्रा बढ़ जाती है तो हम उसे वायु प्रदुषण कहते है।

वायु प्रदुषण के कारण

नैसर्गिक

१) जब कोई ज्वालामुखी उद्रेक होता है तब बहुत सारी जहरीली गैस हवा के साथ मिल जाती है जैसे carbon dioxide, sulfur dioxide, hydrogen sulfide जो की जीवन के लिए बहुत हानिकारक है।

२) जब कभी जंगल में आग लगती है तब पेड़ो के जलने के कारन बहुत सारी हानिकारक गैस और धुआँ वातावरण को ख़राब करता है।

३) हमने युद्ध जितने के लिए अणु बॉम्ब का निर्माण किया। जब एक अणुबॉम्ब फटता है तो वातावरण में Radioactive material फ़ैल जाता है, जो लाखो लोगो की जान ले सकता है। इसका सबसे अच्छा उदहारण है Hiroshima और Nagasaki का वो हादसा जिसे इंसान कभी भुला नहीं पाएगा। लोग आज भी वहां विकलांग पैदा होते है और कई लोगो को कैंसर जैसी घातक बीमारी हो जाती है।

मानवनिर्मित

इस धरती को अगर किसी चीज़ ने हानि पहुंचाई होगी तो वो है “इंसान”। पिछले १५० सालो में इंसान ने जितनी प्रगति की है, उतना ज्यादा प्रदुषण बढ़ गया है। हमने जितना अपने जीवन को सुखी बनाने का प्रयास किया हम उतना प्रदुषण फैलते गए।

१) परिवहन

  • गाड़ियों से निकलने वाला धुआँ, हवा में carbon dioxide की मात्रा को बढ़ा रहा है।
  • हवाज जहाज भी हवा में प्रदुषण फैलता है।
  • भारत एक विकशित देश है फिर भी top १० प्रदूषित शहरों की सूचि में हमारे शहरों का नाम शामिल यही। क्योकि हमारे यहाँ लोग अपने वाहनों का रख-रखाव ढंग से नहीं करते जिस कारन वो ज्यादा धुआँ छोड़ती है।

2) फैक्ट्री

फैक्ट्री से निकलने वाला धुआँ अपने साथ कई तरह के हानिकारक विषैली गैसे जैसे

वायु प्रदुषण के दुष्प्रभाव

१) ज्यादा प्रदूषित हवा में सास लेने से इंसान की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। इंसान के फेफड़े ख़राब हो जाते है और कई बीमारियों से ग्रसित हो जाते है जैसे अस्थमा, Cough , chronic obstructive pulmonary disorder और अन्य।

२) हवा गन्दी होने के कारन सास लेने में भी तकलीफ होती है।

३) आँखों में जलन महसूस होती है।

४) कई बार आपने पढ़ा होगा की धुंद के कारन कई गाड़िया एक दूसरे से टकरा जाती है।

५) जब ये छोटे- छोटे कण हमारे शरीर में जाते है तो ये हमारे फेफड़े, दिल, दिमाग, भ्रूण (पेट में पलने वाला बच्चा ) और ऊतक (tissue ) को भी नुकसान पहुंचाते है।

६) 2019 में Harvard University में हुए शोध से ये पता चला है की गन्दी हवा हमारे body cell को भी damage कर सकती है।

२) १० माइक्रोन से छोटे आकर के कण हमारे नाक द्वारा शरीर के अंदर जा सकते है।

उपाय : वायु प्रदुषण पर निबंध

१) अपने वाहनों के इंजन की मर्रमत समय-समय पर करे जिससे वो कम धुआँ उत्पन्न करेगी।

२) अपने आसपास के इलाकों में कचरे का ढेर न बनने दे।

३) अगर आप नई गाड़ी लेने का सोच रहे है तो बिजली से चलने वाली EV या हाइब्रिड कार लेने का सोचे।

४) जितने हो सके उतना Public Transport का इस्तेमाल करे, जैसे बस, Train या अन्य साधन।

५) Single Use Plastic का इस्तेमाल न करे।

६) अगर आप कम दुरी तय कर रहे है तो साइकिल का इस्तेमाल करे।

७) पानी गरम करने के लिए कोयला या लकड़ी का इस्तेमाल न करे।

८) जितने ज्यादा हो सके उतने पेड़ लगाने और उन्हें बड़ा करने का प्रयास करे।

९) हो सके तो कम से कम पेड़ काटे।

१०) आपके घर पर जो जैविक कूड़ा उत्पन्न होता है जैसे सब्जी के छिलके, सूखे पत्ते या अन्य कोई वस्तु, तो उसे न जलाये। हो सके तो उसे कचरा जमा करने वाली गाड़ी में दाल दे या उसका खाद बनाये।

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